सरसों में अल्टरनेरिया झुलसा रोग एवम् अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग जो फसल को कर रहा है बर्बाद जानें इसके लक्षण एवम् बचाव के उपाय
हाल ही में सरसों या फसल में अल्टरनेरिया झुलसा रोग के बारे में अनेक प्रकार की खबरें आ रही है, जिसके बारे में किसानो को इतनी जानकारी नहीं है, हालांकि झुलसा रोग के बारे में तो किसान वाकिफ हैं, जबकि अब नए अल्टरनेरिया झुलसा रोग के फैलने के बाद फिर से किसानो के सामने समस्या पैदा हो गई है, इसके कारण, लक्षण एवम् उपाय के बारे में आज हम जानेंगे…
अल्टरनेरिया झुलसा रोग के लक्षण एवम् पहचान
अल्टरनेरिया झुलसा रोग लगने पर इसकी पहचान के बारे में कृषि। विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की पत्तियों के ऊपर गहरे एवम् भूरे रंग के धब्बे जमने लगते हैं, जो आगे चलकर गोल धब्बे के समान दिखाईं देने लगते हैं, एवम् कुछ समय बाद सरसों की खड़ी फसल को बर्बाद करने लगता है। ऐसे में किसान साथी को इस प्रकार का कोई भी लक्षण किसानों को दिखाईं दे तुरंत उसका इलाज करे।
अल्टरनेरिया झुलसा रोग के कारण
इस समय मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जैसे ही जनवरी का महीना शुरु हुआ है तभी से उतर भारत खासकर हरियाणा, राजस्थान, पंजाब मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश आदि राज्यो मे कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जिसके कारण इन राज्यों में अल्टरनेरिया झुलसा रोग के फैलने की संभावना बढ गई है, यह रोग मौसम में परिवर्तन के कारण ज्यादा फैलता है इसके लिए कुछ सुझाव दिया गया है जिसे अपनाकर अपनी सरसों की फसल को बचाया जा सकता है।
उतर भारत में सरसों की बुवाई के बाद इस समय कुछ स्थानों पर फूल आ चुके हैं, एवम् कई स्थानों पर फलियां भी बनने लगी है, ऐसे में शीतलहर के कारण इस रोग के फैलने का डर बना हुआ है, सरसों में अल्टरनेरिया झुलसा रोग फैलने से फसल को काफ़ी नुकसान के साथ साथ उत्पादन भी प्रभावित होने का खतरा है, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान साथी निरंतर खेतो की निगरानी करके यदि किसी प्रकार का रोग दिखाईं दे, उसका तुरंत कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करके इसका ईलाज करे।
अल्टरनेरिया झुलसा रोग होने पर ये करे उपाय
कृषि जानकारों एवम् विशेषज्ञों के मुताबिक यदि सरसों की फसल में इस रोग के फैलने यानी सरसों की पत्तियों पर गहरे एवम् भूरे रंग के धब्बे दिखाईं दे उस समय इसमें दवाओं का इस्तेमाल करके इसका इलाज करे, क्योंकि इसके लगने पर सरसों की फसल 50 फीसदी तक खराब हो सकती है, इसके लिए किसान साथी एक हजार लीटर पानी में 4 किलोग्राम इंडोफील एम 45 का घोल बनाकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर 2-3 छिड़काव करे, इससे किसान साथी अपनी फसल इस रोग से बच जायेगी एवम् उत्पादन में भी वृद्धि देखने को मिलेंगी।
अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग के लक्षण
अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग सरसों की पत्तियों की ऊपरी परत पर कत्थई रंग के धब्बे बनने लगते हैं जो गोल छल्ले के रूप में पत्तियों पर स्पष्ट दिखाई देते हैं, यह रोग प्रमुख रूप से सरसों के तने, शाखाओं एवं फलियों को भी प्रभावित करता है, यदि इसके प्रकोप की मात्रा अधिक हो जाती है उस समय फलियां काली पड़कर ममर जाती है । इसके नियंत्रण हेतु किसान साथी निचे दिए गए उपाय करे
अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग नियंत्रण कैसे करे?
कृषि विशेषज्ञों के अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण हेतु किसान साथी बुवाई के समय थीरम (75% WS) , 2.5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से बीजशोधन करे । अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा एवं गेरुई रोग के नियंत्रण हेतु मैंकोजेब (75 WP) की 2.0 कि.ग्रा. मात्रा प्रति हैक्टर को लगभग 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए, ताकी यह रोग ज्यादा ना फैले।
सरसों की फसल में तुलासिता रोग
यह रोग भी सरसों की फसल में काफ़ी नुकसान पहुंचा सकता है, इसकी पहचान यह है कि सरसों की निचली पत्तियों में बैंगनी एवम् भूरे रंग के धब्बे दिखाईं देने लगते हैं, जो कुछ समय में बड़े हो जाते है, जो फसल को नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो सकते हैं।
यदि उपरोक्त रोग अधिक मात्रा में दिखाईं दे तो किसान साथी कृषि विभाग से संपर्क करके संपूर्ण जानकारी ले एवम् समय पर रोग नियंत्रण हेतु उपाय करें।
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